आज की तारीख में दुनिया की बड़ी बड़ी कंपनियां आपकी निजी जानकारियों के बदले में..मोटी कीमत चुकाने को तैयार हैं . हम डाटा को नए ज़माने का तेल क्यों कह रहे हैं कि इसे समझने के लिए आपको एक रोचक आंकड़े पर ध्यान देना होगा . इस वक्त दुनिया में सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाली कंपनी है सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी Aramco….जिसका पिछले साल का मुनाफा 7 लाख 80 हज़ार करोड़ रुपये का था .

जबकि 4 लाख 20 हज़ार करोड़ रुपये की कमाई के साथ एप्पल दूसरे नंबर पर है . बैंक ऑफ अमेरिका के अनुमान के मुताबिक आज की तारीख में Aramco की मार्किट वेल्यू 1 ट्रिलियन डॉलर्स यानी 70 लाख करोड़ रुपये हो सकती है . और अब आपको जानकर हैरानी होगी कि वर्ष 2025 तक भारत की डिजिटल इकोनॉमी का आकार भी करीब 70 लाख करोड़ रुपये का हो जाएगा . ये आंकड़ा भारत के आईटी मंत्रालय और मैकिन्से (McKinsey) द्वारा की गई एक स्टडी पर आधारित हैं

यानी भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर्स की अर्थव्यवस्था बनाने में भारत के करोड़ों लोगों के डाटा की सबसे बड़ी भूमिका होगी और इस डाटा का मूल्य सऊदी अरब से निकलने वाले तेल से भी ज्यादा हो जाएगा . और सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बात ये है कि आज भारत सऊदी अरब से तेल खरीदता है और तेल खरीदने के मामले में भारत दुनिया में तीसरे नंबर पर है. लेकिन आने वाले कुछ वर्षों में भारत दुनिया में सबसे ज्यादा डाटा का उत्पादन करने वाला देश बन जाएगा और दुनिया के बड़े बड़े देश मोटी कीमत चुकाकर ये डाटा खरीदने के लिए लाइन में लगे होंगे … कुछ देश भारत पर साइबर हमला करके भी इस मूल्यवान डाटा को हासिल करने की कोशिश करेंगे और हमें लगता है कि इसकी शुरुआत हो भी चुकी है .

आज हम आपको देश में हो रही साइबर घुसपैठ के खतरे से आगाह कर रहे हैं . भारत में जब आम आदमी की मूल ज़रूरतों की बात होती है..तो रोटी कपड़ा और मकान का जिक्र आता है . लेकिन लोग इसमें प्राइवेसी यानी निजता को शामिल करना भूल जाते हैं . सांस्कृतिक तौर पर भारत के लोग इस निजता यानी प्राइवेसी को बहुत पसंद करते हैं . घर की बात बाहर नहीं जाने देने देते और अपने से जुड़ी जानकारी उन लोगों के साथ कभी साझा नहीं करते…जिनकी नियत पर शक होता है .